हर किसी को चाहने वाले मिले,

हर किसी को चाहने वाले मिले,

मगर हम को भाव खाने वाले मिले।

जरूरत के वक्त हम याद आयें,

जरूरत के बाद भूल जाने वाले मिले।

जोकर का मुखौटा तो सच्चा था,

यहां चेहरे के पीछे चेहरा छिपाने वाले मिले।

भरोसा उम्मीद यकीन सब तोड़ते रहे,

मुझे जो भी मिले दिल दुखाने वाले मिले….।

S उपाध्याय


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